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ऑफिस का पहला दिन –
रूहानी के लिए ये दिन हमेशा यादगार रहेगा। पहली बार नौकरी, पहली बार corporate दुनिया का हिस्सा बनना।
वो conference room में फाइलें सँभाल रही थी, तभी एक हाथ बढ़ा –
“Hi, I am Rohan.”
रोहन के चेहरे पर आत्मविश्वास था और आँखों में अपनापन।
उस पल एक छोटा-सा connection बना, जिसे न वो समझ पाई न रोहन, लेकिन दोनों ने दिल ही दिल में महसूस ज़रूर किया।
धीरे-धीरे दोस्ती –
कॉफी ब्रेक्स, साथ में लंच, deadlines में एक-दूसरे का support, और हल्की-फुल्की मस्ती –
दोस्ती गहराती चली गई।
रूहानी को अच्छा लगता कि रोहन उसे समझ लेता बिना बोले, और रोहन को ये बात खींचती कि रूहानी हर चीज़ को दिल से महसूस करती है।
लोग कहते हैं, “कभी-कभी दोस्ती ही सबसे खूबसूरत इश्क़ की शुरुआत होती है।”
और यही हुआ।
प्यार और शादी –
दोनों के बीच feelings कब इज़हार में बदली, उन्हें पता ही नहीं चला।
एक दिन ऑफिस से बाहर बारिश में खड़े होकर रोहन ने कहा –
“Ruhani, life short hai… main chahata hoon tum meri partner bano. Forever.”“
रूहानी की आँखें भर आईं।
उस पल उसने भी हामी भर दी।
परिवार को मनाने में वक्त लगा, लेकिन आखिरकार शादी हो गई।
दोनों के ख्वाब पूरे हो रहे थे। साथ सफ़र करना, late-night talks, छोटे-छोटे surprises – सब कुछ perfect लग रहा था।
धीरे-धीरे बदलती ज़िन्दगी –
लेकिन, शादी के बाद picture perfect life उतनी perfect नहीं रहती।
Responsibility बढ़ीं, expectations टकराईं।
जहाँ पहले हँसी गूंजती थी, अब शिकायतें बढ़ने लगीं।
जहाँ पहले प्यार भरी बातें होती थीं, अब silence और गुस्सा जगह लेने लगे।
रूहानी career में आगे बढ़ना चाहती थी, रोहन stability और family balance पर जोर देता था।
दोनों सही थे, लेकिन दोनों अलग थे।
Arguments छोटे से बड़े बनते गए।
और वो दोस्ती वाली understanding कहीं खो गई।
अदालत का सफ़र –
जब बातें संभल नहीं पाईं, तो मामला family court तक पहुँच गया।
वहाँ हर सुनवाई एक दर्द था – जैसे किसी ने दिल को बार-बार चीर दिया हो।
आख़िरकार जज ने कहा –
“A marriage should give happiness, not pain. If togetherness becomes poison, separation is the cure.”
उस दिन दोनों की आँखों में आँसू थे।
लेकिन आँसुओं के पीछे एक सुकून भी था – अब ये खींचतान ख़त्म होगी।
तलाक़ के बाद की ज़िन्दगी –
शुरुआत में खालीपन था।
रूहानी रातों को जागती, यादों में खो जाती।
रोहन भी social media खोलते ही पुरानी तस्वीरों को देखकर टूट जाता।
लेकिन वक्त ने धीरे-धीरे मरहम लगाया।
रूहानी ने खुद को काम, travel और hobbies में डुबो दिया। उसने फिर से लिखना शुरू किया, दोस्तों के साथ हँसना शुरू किया।
रोहन ने therapy ली, parents के साथ वक्त बिताया और खुद को heal किया।
Happy Ending (नई शुरुआत) –
आज रूहानी और रोहन साथ नहीं हैं, लेकिन दोनों खुश हैं।
रूहानी अपने career में चमक रही है, खुद को पहले से ज्यादा strong बना चुकी है।
रोहन ने भी अपनी inner peace पा ली है।
दोनों कभी मिलते हैं तो सिर्फ एक मुस्कान और respect share करते हैं।
क्योंकि अब उन्हें समझ आ चुका है –
👉 हर कहानी का “forever” साथ होना जरूरी नहीं,
👉 कभी-कभी “happy ending” का मतलब होता है अलग होकर भी खुश रहना,
👉 और सबसे बड़ा सबक – प्यार अगर टूट भी जाए, इंसान फिर से जीना सीख सकता है।
💔 रूहानी और रोहन की broken heart story यही बताती है –
गलतियों से सीखो, दर्द से गुज़रो, और फिर भी खुद को इतना प्यार करो कि ज़िन्दगी फिर से मुस्कुराए। 🌸


Writer
Apurv Sharma
Delhi,India
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