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Breakup Real Story

✨ "कभी-कभी ज़िन्दगी हमें ऐसी कहानियाँ देती है जो हमारे stress को कम कर देती हैं और हमें फिर से मुस्कुराना सिखा देती हैं। गलतियाँ इंसान से होती हैं, लेकिन अगर हम उनसे सीख लें तो वही गलती हमें दोबारा नहीं सताती। शायद मेरी कहानी आपके दिल को हल्की कर दे, आपको inspire करे और उस गलती से बचा ले जिसे आप करने वाले हैं। यह सही समय है

अपनी experience और love life को share करने का, ताकि कोई और वही रास्ता न चुने जो हमें तकलीफ़ दे चुका है।" ✨

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ट्रेन की मुलाक़ात – अधूरी मोहब्बत से नई शुरुआत तक
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ट्रेन की मुलाक़ात – अधूरी मोहब्बत से नई शुरुआत तक

योगेश ट्रेन की जनरल बोगी में बर्थ पर लेटा हुआ था। त्योहार के कारण रिज़र्वेशन नहीं मिला था, तो मजबूरी में भीड़-भाड़ वाली बोगी पकड़नी पड़ी। ट्रेन थोड़ी देर के लिए रुकी और फिर झटके से आगे बढ़ने लगी। अचानक उसकी नज़र सामने वाली सीट पर गई—
और उसका दिल धक से रह गया।

वह रागिनी थी।
उसकी तलाकशुदा पत्नी।
छह साल बाद उसे देख रहा था।

रागिनी बहुत बदल गई थी। चेहरा सूखा-सूखा, आँखों के नीचे काले घेरे, साधारण सी साड़ी, माथे पर बिंदी नहीं और गले में मंगलसूत्र भी नहीं। योगेश की आँखें भर आईं—“तो क्या इसने भी अब तक शादी नहीं की? क्या ये भी मेरी तरह अकेली ही है…?”

उनकी नज़रें मिलीं।
और योगेश ने झट से दूसरी तरफ़ देख लिया।

कुछ पल बाद अचानक वह सीट से उठकर रागिनी के पास आ बैठा।
“रागिनी… कैसी हो?” उसकी आवाज़ भर्रा गई थी।

रागिनी ने खिड़की के बाहर देखते हुए जवाब दिया—“ठीक हूँ। और आप?”
“मैं भी ठीक हूँ। कानपुर जा रहा हूँ।”
“मैं भी… माँ बीमार हैं, उन्हीं से मिलने जा रही हूँ।”

दोनों चुप हो गए। जैसे ज़ुबान थम गई हो, जैसे वक़्त वहीं ठहर गया हो।

कुछ देर बाद योगेश ने हिम्मत जुटाई—
“एक बात पूछूँ?”
रागिनी ने बिना देखे इशारे से पूछा—“क्या?”
“अभी तक शादी क्यों नहीं की?”

रागिनी ने चुप्पी साध ली। लेकिन फिर धीरे से पूछा—
“आपने की?”
योगेश ने सिर झुका कर ना में हिला दिया।

उनकी ख़ामोशी बहुत कुछ कह रही थी।

तभी कुल्फ़ी वाला डिब्बे में आ गया।
योगेश बोला—“खाओगी?”
रागिनी ने सिर हिला दिया।
योगेश ने ज़िद की—“खाओ ना यार, तुम्हारी कमजोरी तो हमेशा से कुल्फ़ी ही रही है।”

रागिनी हल्की मुस्कुराई, लेकिन उसकी आँखें छलक पड़ीं। योगेश दूसरी तरफ देखने लगा, और वह चुपके से आँसू पोंछने लगी।

कुछ देर बाद बोली—“एक शर्त पर खाऊँगी। पैसे मैं दूँगी।”
दोनों हँस पड़े। जैसे बरसों की दूरी पल भर में मिट गई हो।

कुल्फ़ी खाते हुए पुराने ज़ख़्म फिर ताज़ा हो गए।
रागिनी बोली—“आपको पता है? आपकी आदतों से, आपके गुस्से से, आपकी शराब से मैं रोज़ मरती थी। इसी टेंशन में दो बार मेरा गर्भपात हो गया। आज मेरे भी दो बच्चे होते…” और वह रो पड़ी।

योगेश के होंठ काँपने लगे। वह भी रोना चाहता था, मगर अपने आँसू भीतर ही निगल गया।
“मैं बहुत बुरा आदमी था रागिनी… रिश्तों की क़दर नहीं की। माँ भी नहीं रही… अकेला हो गया हूँ।”

माँ का नाम सुनते ही रागिनी तड़प उठी।
“अरे! माँ को छोड़ कर तो भली चंगी आई थी… उन्हें क्या हो गया?”

योगेश की आँखों से इस बार आँसू छलक ही पड़े।
“वो तुम्हें रोज़ याद करती थीं… कहती थीं बहू को वापस ले आओ। लेकिन मैं उन्हें क्या बताता कि तलाक़ के बाद बहुएँ वापस नहीं आतीं।”

दोनों एकदम ख़ामोश हो गए।
ट्रेन कानपुर पहुँच चुकी थी।


स्टेशन पर फिर एक नया मोड़

रागिनी उतर कर ऑटो में बैठने लगी।
योगेश पीछे-पीछे आया और बोला—
“अगर मैं रिज़र्वेशन की टिकट ले भी लूँ, तो जानता हूँ तुम मेरे साथ नहीं चलोगी। लेकिन मैं तुम्हारे साथ सफ़र करना चाहता हूँ… जनरल में ही सही। बताओ, कितने बजे मिलोगी?”

रागिनी ने बिना देखे जवाब दिया—
“कल सुबह 9 बजे।”
और ऑटो आँखों से ओझल हो गया।


सुबह की मुलाक़ात

अगले दिन योगेश साढ़े 8 बजे ही स्टेशन पहुँच गया।
घड़ी की सूईयाँ धीरे-धीरे खिसकती रहीं।
9 बजे, 9:30, 10 बजे…

और फिर रागिनी आई।
थोड़ी हाँफती हुई, लेकिन चेहरा खुशियों से खिला हुआ।
“आप अभी तक रुके हुए हैं? मैं सोच रही थी कि आप तो जा चुके होंगे…”

योगेश सिर्फ़ मुस्कुराया।

उसकी आँखों में बरसों बाद चमक लौट आई थी।


अधूरी मोहब्बत का नया सफ़र

ट्रेन का एलान हुआ।
दोनों भीड़ में साथ-साथ चढ़े।
पहली बार किसी ने रिज़र्वेशन या सीट की परवाह नहीं की।

उनके पास अब एक-दूसरे का साथ था।
और यही उनकी अधूरी मोहब्बत की नई शुरुआत थी।


👉 क्या आप चाहते हो कि मैं इस कहानी को और आगे बढ़ाऊँ, जैसे कानपुर पहुँचने के बाद दोनों के बीच क्या हुआ? क्या वो दोबारा साथ आए या फिर किस्मत ने फिर से उन्हें जुदा कर दिया?

Ye Kahani Acchi lage To.. Comment kare Next Part ke liye…

Writer
Mrs. Shruti
Delhi,India

Real Love Story Delhi



💔 रूहानी और रोहन की broken heart story यही बताती है –
गलतियों से सीखो, दर्द से गुज़रो, और फिर भी खुद को इतना प्यार करो कि ज़िन्दगी फिर से मुस्कुराए।
🌸


Writer
Apurv Sharma
Delhi,India